Monday, November 26, 2018

गंगा सफाई की बात करने वाले मठ और अखाड़े, कुंभ में बिसलेरी के सहारे

पर्यावरण मंत्रालय ने 2019 की शुरुआत में प्रयागराज में आयोजित होने वाले कुंभ मेला को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त रखने का दावा सितंबर में कर दिया. मंत्रालय ने दावा किया कि मेला में किसी भी तरह की प्लास्टिक इस्तेमाल नहीं की जाए इसकी खास तैयारी की जा रही है. इस दावे को परखने पर पाया गया कि बिसलेरी की शक्ल में मिनरल वॉटर पहले ही कुंभ मेला में जगह बना चुका है.

एक महीने तक चलने वाले इस मेले में देशभर से दर्जनों धार्मिक मठ और अखाड़े प्रवास के लिए पहुंचते हैं. पूरे महीने के दौरान जहां इन मठों और अखाड़ों में दिनभर धर्मसभाएं और प्रवचन होते हैं वहीं मेला पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए भंडारा भी चलाया जाता है. लेकिन हैरानी इस बात की है कि इस साल मेले की तैयारी के लिए प्रयागराज और आसपास के इलाकों में कुम्हार परिवारों को अभीतक भंडारे समेत मेला संबंधित किसी प्रायोजन के लिए मिट्टी के बर्तन का ऑर्डर नहीं मिला है.

बीते कई दशक से इलाहाबाद फोर्ट के पास स्थित बैरहना मोहल्ले में कुम्हार जाति के 100 परिवार मौजूद हैं. ये परिवार जहां सालभर गंगा किनारे मिट्टी निकालकर शहर के लिए मिट्टी के बर्तन बनाते हैं वहीं प्रति वर्ष होने वाला मेला इनके लिए बड़ी कमाई लेकर आता है.

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एक कुम्हार कारोबारी सुरेश कुमार ने बताया कि 6 साल पहले कुंभ में उन्हें सभी बड़े मठों और अखाड़ों से 10 लाख कुल्लहड़ और परई बनाने का ऑर्डर और एडवांस मिला था. यह एडवांस उन्हें मेला शुरू होने से 6 महीने पहले दे दिया गया और उनका पूरा परिवार प्रति सप्ताह एक लाख कुल्लहड़ बनाने में जुट गया. सुरेश कुमार ने बताया कि एडवांस में मिली रकम के चलते न सिर्फ समय से पहले पूरा ऑर्डर मेला क्षेत्र में पहुंचाने में सफल रहे बल्कि बड़े ऑर्डर को पूरा करने के बाद बचे समय में उन्होंने मेला के दौरान खुदरा बिक्री के लिए भी बर्तन बनाकर मेला क्षेत्र में पहुंचा लिया.

एक अन्य कारोबारी अभय कुमार ने बताया कि इस साल मेला में कुल्लहड़ और परई का इस्तेमाल न के बराबर रहेगा. अभय के मुताबिक यदि उन्हें और अन्य कुम्हार परिवारों को अब मठ और अखाड़ों से ऑर्डर मिलता है तो वह किसी सूरत में मेला शुरू होने से पहले बर्तन बनाने का काम पूरा नहीं कर सकते. अभय ने कहा कि कुंभ मेला के लिए बर्तन बनाने का काम अब खत्म हो गया है. अभय ने संभावना जताई कि इस साल कुंभ में सरकार और धर्मिक संस्थाएं मिट्टी के बर्तनों के विकल्प पर आश्रित रहेगी. अभय का इशारा पानी के लिए बिसलेरी की बोतल और खाने के लिए प्लास्टिक और थर्माकोल की थालियां मिट्टी के बर्तनों की जगह लेंगे.

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अभय और सुरेश के इन दावों की पुष्टि भी कुंभ मेला से पहले अयोध्या, प्रयागराज और काशी में आयोजित हो रही धर्म सभाओं की तस्वीर में साफ देखने को मिल रहा है. रविवार और सोमवार को काशी में आयोजित धर्म संसद में शामिल संतों और साधुओं के लिए मिनरल वॉटर की व्यवस्था की गई.

Tuesday, November 13, 2018

खशोगी से जुड़ी कॉल रिकॉर्डिंग सामने आई, क्राउन प्रिंस सलमान से जुड़े तार

वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या से जुड़ी एक कॉल रिकॉर्डिंग सामने आई है। इस रिकॉर्डिंग में खशोगी की हत्या करने वाली टीम में शामिल एक सदस्य ने वारदात अंजाम देने के बाद अपने वरिष्ठ अधिकारी से ‘टेल योर बॉस’ कहा।

पिछले महीने अमेरिका को दी गई यह रिकॉर्डिंग
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, दावा किया जा रहा है कि ‘टेल योर बॉस’ का इस्तेमाल सऊदी के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के लिए इस्तेमाल किया गया। यह रिकॉर्डिंग टर्की की खुफिया एजेंसी ने बरामद की थी, जिसे पिछले महीने सीआईए के डायरेक्टर जिना हसपेल को सौंपा गया था। 

तुर्की के अधिकारियों के मुताबिक, इस कॉल रिकॉर्डिंग में सऊदी के माहेर अब्दुलअजीज मुर्तेब की भी आवाज है। मुर्तेब खशोगी की हत्या करने वाली 15 सदस्यीय टीम में शामिल था। तुर्की के अधिकारियों ने अमेरिकी अफसरों को बताया कि मुर्तेब एक सुरक्षा अधिकारी है, जो ज्यादातर क्राउन प्रिंस सलमान के साथ दिखाई देता है।

7 मिनट में मार दिया गया था खशोगी को
तुर्की के अधिकारियों ने एक ऐसी ऑडियो रिकॉर्डिंग भी अमेरिकी अफसरों को दी है, जिसमें खशोगी के आखिरी शब्द हैं। इस रिकॉर्डिंग में खशोगी ने कहा था, ‘‘मेरा दम घुट रहा है। इस बैग को मेरे सिर से निकालो। मुझे क्लॉस्टेरोफोबिया है।’’ तुर्की का दावा है कि खशोगी की मारने में हत्यारों को सात मिनट लगे थे

2 अक्टूबर को सऊदी दूतावास गए थे खशोगी
खशोगी तुर्की में रहने वाली अपनी मंगेतर हेटिस सेंगीज से निकाह करना चाहते थे। इसकी अनुमति के लिए वे 2 अक्टूबर को दस्तावेज लेने इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास गए थे, लेकिन वहां से नहीं लौटे। सऊदी अरब के नागरिक रहे खशोगी वॉशिंगटन पोस्ट के लिए लिखते थे। उनके सऊदी के शाही परिवार से अच्छे रिश्ते थे, लेकिन बीते कुछ महीनों से वे प्रिंस सलमान के खिलाफ लिख रहे थे।

हत्या की बात बार-बार नकारता रहा सऊदी
खशोगी के लापता होने के बाद सऊदी अरब ने पहली बार 20 अक्टूबर को पत्रकार की हत्या होने की बात कबूल की थी। 2 अक्टूबर से सऊदी के अधिकारी बार-बार दावा कर रहे थे कि खशोगी दूतावास से सही-सलामत बाहर निकले थे। हत्या कबूलने के बाद सऊदी अरब की सरकार ने कहा कि शुरुआती जांच के बाद पांच उच्च अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया गया। वहीं, 18 को गिरफ्तार किया गया।

15 सदस्यीय टीम ने मारा था खशोगी को
बर्खास्त किए जाने वालों में क्राउन प्रिंस सलमान मोहम्मद बिन सलमान के सलाहकार सऊद अल-क्वहतानी और डिप्टी इंटेलिजेंस चीफ मेजर जनरल अहमद अल-असीरी भी शामिल हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तयिप एर्दोगान का दावा था कि इस मर्डर को अंजाम देने के लिए सऊदी से 15 सदस्यों की एक टीम 2 अक्टूबर को इस्तांबुल आई थी। तुर्की की सिक्योरिटी सर्विस के पास इसके पर्याप्त सबूत भी हैं।